Contract Employees Regularization News उत्तराखंड राज्य सरकार ने लंबे समय से अस्थायी सेवाओं में कार्यरत हजारों कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए ऐतिहासिक फैसला लिया है। संविदा, तदर्थ, दैनिक वेतनभोगी, कार्यभारित, नियत वेतन और अंशकालिक आधार पर काम कर रहे उन कर्मचारियों को अब स्थायी नौकरी का अवसर मिलेगा, जिन्होंने वर्ष 2018 तक 10 वर्ष की निरंतर सेवा पूर्ण की है।
इस निर्णय से राज्य के 7,000 से अधिक कार्मिकों को स्थिर रोजगार का लाभ मिलने की उम्मीद है। वर्षों से अनिश्चित परिस्थितियों में अपनी सेवाएं देने वाले इन कर्मचारियों के लिए यह फैसला किसी वरदान से कम नहीं है।
न्यायालय के आदेश के बाद सरकार ने उठाया कदम
पहले राज्य में केवल 5 वर्षों की सेवा पूर्ण करने वाले कर्मचारियों को ही नियमितीकरण का अवसर मिलता था। लेकिन वर्ष 2024 में उच्च न्यायालय ने इस नियम में संशोधन के निर्देश दिए। न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिया कि वर्ष 2018 तक 10 वर्ष की लगातार सेवा देने वाले कर्मचारियों को नियमित किया जाए और सभी विभाग पात्र कर्मचारियों की अद्यतन सूची तत्काल तैयार करें।
हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद राज्य सरकार ने निर्देशों का पालन करते हुए सभी विभागों को नोटिस जारी कर दिया है। सरकार का कहना है कि अदालत के आदेशों का पूरी तरह पालन किया जाएगा और किसी भी पात्र कर्मचारी को उसके अधिकारों से वंचित नहीं किया जाएगा।
किन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ?
नियमितीकरण के लिए विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारी पात्र होंगे। संविदा कर्मचारी, तदर्थ कर्मचारी, दैनिक वेतनभोगी, कार्यभारित कर्मचारी, नियत वेतन कर्मचारी और अंशकालिक कर्मचारी—सभी को 10 वर्ष की निरंतर सेवा पूर्ण करने पर नियमितीकरण का अधिकार होगा। हालांकि, सेवा सत्यापन, निरंतर उपस्थिति का प्रमाण और रिकॉर्ड आधारित मूल्यांकन जैसी प्रक्रियाएं आवश्यक होंगी।
उपनल कर्मचारियों के लिए विशेष समिति गठित
उपनल के माध्यम से कार्यरत कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने एक उच्च स्तरीय मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन किया है। यह समिति उपनल कर्मियों के नियमितीकरण, न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करने, महंगाई भत्ते की व्यवस्था, अन्य कर्मचारी सुविधाओं और भविष्य के लिए स्पष्ट कट-ऑफ तिथि तय करने जैसे मुद्दों पर विस्तार से अध्ययन करेगी।
समिति को दो माह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। इस पहल से उपनल कर्मचारियों में नई उम्मीद जागी है।
कैबिनेट ने किए अहम संशोधन
राज्य कैबिनेट ने कर्मचारियों के नियमितीकरण से जुड़े नियमों में अहम बदलाव किए हैं। पहले 5 वर्ष की सेवा पूरी करने पर ही नियमितीकरण का प्रावधान था, लेकिन न्यायालय के नए आदेशों के बाद इसे संशोधित करते हुए 10 वर्ष की सेवा (2018 तक) को अनिवार्य किया गया है। यह प्रावधान सभी श्रेणियों के कर्मचारियों पर समान रूप से लागू होगा।
मंत्रिमंडल ने इन संशोधनों को मंजूरी दे दी है और संबंधित विभागों को प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
विदेश रोजगार के लिए उपनल का दायरा बढ़ा
सरकार ने उत्तराखंड सैनिक कल्याण निगम (उपनल) के मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन और आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। संशोधन के बाद पूर्व सैनिक, पूर्व सैनिकों के आश्रित और अन्य योग्य नागरिकों को विदेश रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
इन संशोधनों से उम्मीद है कि उपनल आने वाले वर्षों में एक आधुनिक रोजगार प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित होगा।
कर्मचारियों में खुशी की लहर
सरकार के इस फैसले के बाद अस्थायी सेवाओं में वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों में अत्यंत खुशी का माहौल है। स्थायी नियुक्ति मिलने से उन्हें बेहतर आर्थिक स्थिरता, परिवार की सुरक्षित योजना, भविष्य में मजबूत करियर और नौकरी के प्रति आत्मविश्वास जैसे कई लाभ प्राप्त होंगे।
कर्मचारी संगठनों ने इस फैसले को सामाजिक न्याय और प्रशासनिक सुधार का बड़ा कदम बताया है। विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तराखंड का यह फैसला अन्य राज्यों के लिए भी एक सकारात्मक उदाहरण बन सकता है।
प्रशासनिक कार्यक्षमता में सुधार की उम्मीद
यह निर्णय केवल कर्मचारियों के लिए ही नहीं बल्कि शासन प्रणाली के लिए भी लाभकारी होगा। स्थायी कर्मचारी सामान्यतः अधिक निष्ठा और जिम्मेदारी से काम करते हैं। इससे सरकारी विभागों की कार्य कुशलता बढ़ेगी, आम जनता को तेज और बेहतर सेवाएं मिलेंगी और प्रशासनिक प्रक्रिया में लगातार सुधार होगा।
नियमितीकरण प्रक्रिया कैसे होगी?
सरकार ने सभी विभागों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। पात्र कर्मचारियों की सूची तैयार कर मुख्यालय भेजनी होगी, सेवा अवधि, नियुक्ति तिथि और सेवा निरंतरता की जांच अनिवार्य होगी, और विभागीय सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर नियमितीकरण आदेश जारी किए जाएंगे। पूरी प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी।
सरकार ने आश्वासन दिया है कि प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और न्यायसंगत होगी। कर्मचारियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी सेवा संबंधी दस्तावेज अद्यतन रखें और नियमितीकरण की प्रक्रिया में आवश्यक प्रमाणपत्र समय पर उपलब्ध कराएं।
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